कल प्रशांत किशोर(Prashant Kishore) ने सरकार के खिलाफ किया रैली जिसमें शामिल हुए बिहार के अलग अलग जिलों से अनेकों लोग जिसमें क्या क्या हुआ चलिए जानते हैOne person’s head was broken, many injured in Prashant Kishore’s rally! रैली में प्रशांत किशोर का रौद्र रूप दिखा और सरकार को दे दिया नसीहत जवाब नहीं मिला तो 1 लाख लोगों के साथ मुख्यमंत्री का घर घेरूंगा!
कल 23 July 2025 को पूरे बिहार की नजर सिर्फ एक आदमी के ऊपर चली गई जब पूरे बिहार के न्यूज चैनल पर लोगो ने प्रशांत किशोर का रौद्र रूप देखा जब वह पटना में सरकार के पुराने वादे जो पूरा नहीं किए जाने पर सरकार के खिलाफ फ़रदर्शन किया गया क्या थे वादे ?
वैसे सरकार ने तो बहुत से वादे किए थे जिन्हें पूरा नहीं किया गया लेकिन ये 3 वादे है जिन पर प्रशांत किशोर की रैली में मुख्य जोर दिया गया ?
- गरीब परिवारों को ₹2 लाख रोजगार सहायता जो 94 लाख परिवारों को अभी तक नहीं मिली।
- भूमिहीन दलित और अतिपिछड़ों को 3 डिसमिल जमीन का वादा पूरा नहीं होना।
- भूमि सर्वेक्षण में भ्रष्टाचार—जमीन नाप-तोल, रसीद, दाखिल-खारिज की प्रक्रियाओं में गड़बड़ी का आरोप।
कल की रैली में एक व्यक्ति का फटा सर जिसे अस्पताल भेजा गया कई लोग हुए घायल जिन्हें भी इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया कल पटना में प्रशांत किशोर ने कहा किशोर ने कहा, “बच्चों पर लाठी क्यों चलाई? हिम्मत है तो मुझपे चलाइए।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगों पर लिखित जवाब नहीं मिला तो अगली रणनीति मुख्यमंत्री आवास के घेराव की होगी—“एक लाख लोग लाकर नीतीश कुमार के घर में घेरेंगे”।उन्होंने कहा, “सरकार को फंक्शन नहीं करने देंगे,” और पूछा कि जिस युवक को सिर पर चोट लगी, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने सरकार से लिखित आश्वासन की मांग की।

प्रशांत किशोर अब बिहार की राजनीति में एक बारे नाम बन चुके है आज बिहार का कोई भी बड़ा नेता इन्हें इग्नोर नहीं कर सकता हैं प्रशांत किशोर अब बिहार के सभी सीटों पर चुनाव लड़नें का जब से ऐलान किया है तब से विपक्ष की सभी पार्टियों में खलबली मच गई है और पूरे बिहार के बड़े छोटे लोगों का समर्थन भी उन्हें मिलता दिख रहा है लेकिन अब देखना यह होगा कि उनकी रैली में जो भीड़ लगती है वह भीड़ भोट में बदलती है या नहीं प्रशांत किशोर का यह दावा है कि वे अवश्य ही चुनाव जीतेंगे लेकिन आप आगे क्या होगा यह भविष्य के पन्ने में दबा हुआ है परन्तु प्रशांत किशोर अपनी तरफ से पूर्ण प्रयास कर रहे है।
इस रैली का मुख्य निष्कर्ष यह रहा कि आज की रैली ने सरकारी प्रतिष्ठान पर जन सुराज की शक्ति को स्पष्ट रूप से पेश किया। यह रैली उन 94 लाख परिवारों, भूमिहीन दलितों, और भ्रष्ट भूमि सर्वेक्षण प्रणाली सहित कई नीतिगत मुद्दों को प्रमुखता से लेकर आई है। अब निर्णायक प्रश्न यह होगा कि सरकार लिखित आश्वासन देगी या नहीं—और जन सुराज की ‘प्रतिशोधी रणनीति’ कब तक जारी रहेगी।


